अगर आप बैंक के बारे में शिकायत करना चाहते हैं। क्या है पूरी प्रक्रिया ? | बैंक अब आप से धोखाधडी नहीं कर पायेगी | बँके विषयी तक्रार करायची आहे.? |
जैसे की आपको पता है लगभग हर बैंक में एक शिकायत विभाग होता है। इसलिए आप याने ग्राहक बैंक जाकर संबंधित अधिकारी से बात कर सकते हैं. शिकायत दर्ज करने और शिकायत आईडी प्राप्त करने के लिए हर बैंक के पास अपना एक अलग टोल-फ्री कस्टमर केयर नंबर है। बैंक में शिकायत दर्ज करने की प्रक्रिया मेसे आप बैंक की वेबसाइट के माध्यम से भी शिकायत दर्ज की जा सकती है।
आज के हमारे टॉपिक में हम Want to complaint against bank? बैंक की शिकायत कहां करें? यह पुरे विस्तार से समजेंगे ...
आप सरकारी क्षेत्र (Nationalize Bank) के बैंकों में सेवा गुणवत्ता विभाग (Service and quality department) को ईमेल (Email) भेजकर भी अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं। यह विभाग मुख्य रूप से इसी तरह की शिकायतों के निवारण के लिए काम करता है।
इसी तरह बैंक की आधिकारिक वेबसाइट पर post की गई शिकायतों को भी उसी विभाग द्वारा नियंत्रित किया जाता है। कुछ बैंकों ने सभी शाखाओं में स्थापित 'ग्राहक संबंध प्रबंधन' जिसका हिंदी में अनुवाद 'Customer Relationship Management' होता है, के माध्यम से प्राप्त सभी शिकायतों को तुरंत देखने के लिए एक तंत्र शुरू किया है, जबकि अन्य बैंक इसे शुरू करने की प्रक्रिया में हैं। एक बार शिकायत दर्ज होने के बाद, ग्राहक को बैंक द्वारा इसे हल करने या अपेक्षित प्रतिक्रिया प्राप्त करने के लिए 30 दिनों तक प्रतीक्षा करनी चाहिए। जोकि mandatory प्रोसिजर है | इस विभाग के शुरू करने के साथ ग्राहक से साथ योग्य न्याय और बैंक को अपनी गुणवत्ता सुधरने और सुधारने का मौक़ा मिलता है |
बैंक के लोकायुक्त से अपील। Complaint about the bank - Appeal from Lokayukta of Bank
यदि आपकी बैंक एक महीने के भीतर आपने दीगयी शिकायत पर कार्रवाई नहीं करता है, तो ग्राहक बैंक के लोकायुक्त के पास अपील कर सकता है। बैंकिंग सेवाओं में कमियों और खामियों के संबंध में ग्राहकों की शिकायतों के निवारण के लिए रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया एक वरिष्ठ अधिकारी, बैंकिंग लोकायुक्त की नियुक्ति करता है।
इसमें सभी अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक(scheduled commercial bank), क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक(regional rural bank) और अनुसूचित प्राथमिक सहकारी बैंक (Scheduled Primary Co-operative Banks) यह सभी बैंक शामिल हैं। वर्तमान में कुल 15 लोकायुक्त नियुक्त किये गए हैं।
इनके कार्यालय मुख्यतः सभी राज्यों की राजधानियों में हैं। उनके पते और संपर्क रिजर्व बैंक की वेबसाइट पर उपलब्ध हैं। लोकायुक्त एक महीने के भीतर दोनों पक्षों के बीच कानूनी रूप से बाध्यकारी सुलह (binding conciliation) तक पहुंचने की कोशिश करता है। हालाँकि, यदि सुलह संभव नहीं है, तो लोकायुक्त दोनों पक्षों को अपने-अपने मामले पेश करने के लिए कहता है।
शिकायतों के प्रकार:
लोकायुक्तों की नियुक्ति के बाद भुगतान न करने या चेक, ड्राफ्ट या प्रेषण के देर से भुगतान की शिकायतों पर कार्रवाई की गई। समय के साथ, प्लास्टिक मनी, बैंकिंग में अनुचित व्यवहार, बिना किसी पूर्व सूचना के सेवा शुल्क लगाना, इंटरनेट बैंकिंग के माध्यम से किए गए लेनदेन, ऋण और अग्रिम में कमी (ऋण स्वीकृति और वितरण में देरी, ऋण आवेदनों की अस्वीकृति, आदि) को शामिल करने का दायरा विस्तृत हो गया है। शिकायतों के प्रकारों की एक सूची रिज़र्व बैंक की वेबसाइट पर देखी जा सकती है।
शिकायत दर्ज करने के लिए:
ग्राहक को उपर बताये गए संबंधित लोकायुक्त के कार्यालय में शिकायत दर्ज करानी चाहिए जिसके अनुसार उसकी शाखा लोकायुक्त के अंतर्गत आती है। अन्य केंद्रीकृत सेवाओं और क्रेडिट कार्ड से संबंधित शिकायतें भी आपको लोकायुक्त को की जानी चाहिए जिसके अधिकार क्षेत्र में आपका बैंक में दर्ज किया गया बिलिंग पता आता है।
शिकायतें कागज पर लिखी जा सकती हैं, या फिर ईमेल द्वारा भेजी जा सकती हैं या रिजर्व बैंक की वेबसाइट पर शिकायत फॉर्म भरकर की जा सकती हैं। शिकायत दर्ज करने के लिए कोई शुल्क नहीं लिया जाता है। ग्राहक की सुविधा अनुसार आप कोई भी शिकायत करने का विकल्प चुन सकते है |
आप सीधे आरबीआई से ऑनलाइन शिकायत भी कर सकते हैं।
आज के टॉपिक Want to complaint against bank? बैंक की शिकायत कहां करें? जिसमे आप अपनी किसीभी बैंक की सीधे सीधे RBI को ही शिकायत करना चाहते है , तो कृपया निचे दिए गए लिंक उप जाकर आप उसे कर सकते है |
आप इस वेबसाइट
https://cms.rbi.org.in/cms/IndexPage.aspx?aspxerrorpath=/cms/cms/indexpage.aspx
पर जाकर अपना फॉर्म जमा कर सकते हैं।
अस्वीकृति के कारण:
आपकी शिकायत अस्वीकृत की जाती है , तो उसके कारण आपको समजने चाहिए, उसकी जानकारी आपको हम आगे बताएँगे -
यदि ग्राहक अपने बैंक से शिकायत किए बिना सीधे लोकायुक्त से शिकायत करता है या बैंक शिकायत का जवाब देने की प्रक्रिया में है या संबंधित शिकायत को पहले ही अधिनियम या उपभोक्ता न्यायालय को भेजा जा चुका है, तो लोकायुक्त के पास इसे अस्वीकार करने की शक्ति है।
सीधे शब्दों में कहा जाये तो शिकायत की एक प्रोसेस होती है ,शिकायत का क्रम - पाहिले बैंक और फिर लोकायुक्त । लोकायुक्त शिकायत को अस्वीकार कर सकता है, भले ही बैंक से जवाब प्राप्त हुए एक वर्ष बीत चुका हो या बैंक को शिकायत किए 13 महीने बीत चुके हों।
मुआवजे की सीमा: Limitation of compensation
क्या बैंक आपको आपके नुक्सान के एवज में मुआवजा देगी ?
Limitation of compensation तहत या मुआवजे की सीमा 10 लाख या वास्तविक नुकसान, जो भी कम हो, तय की गई है। लोकायुक्त मानसिक प्रताड़ना के लिए एक लाख रुपये तक का मुआवजा दे सकता है। लेकिन, अभी तक इसे क्रेडिट कार्ड से जुड़ी शिकायतों तक ही सीमित रखा गया है। जिसकी process सुचारू रूप से चल रही है |
कानूनी तरीके : Legal methods
सब सही होने के बाद भी आपकी शिकायत ठुकरा दी जाये तो क्या करे ? क्या क़ानूनी सलाह मिलेगी ?
देखिये यदि उपभोक्ता लोकायुक्त द्वारा शिकायत के समाधान से संतुष्ट नहीं है, तो वे 30 दिनों के भीतर अपीलीय प्राधिकारी के पास अपील कर सकते हैं। इस मामले में अपीलीय प्राधिकारी रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर हैं। इसके अलावा, उपभोक्ता निवारण मंचों या बैंकों से संबंधित शिकायतों से निपटने वाली अदालतों में अपील की जा सकती है।
उम्मिद् करते है आपको आज की पोस्ट Want to complaint against bank? बैंक की शिकायत कहां करें? की पूरी जानकारी यहाँ मिल गयी होगी | आशा करते है की आपको इस तरह की शिकायत करने की जरुरत न पड़े |
बैंक की शिकायत के लिए आपको हर एक बैंक के Bank Complaint Links दिए जा रहे है
कृपया यहाँ क्लिक करे
Nationalized Banks
Indian Banks
Local Area Banks (LABs)
Small Finance Banks (SFBs)
Payments Banks (PBs)
Foreign Banks
State Co-operative Banks
Scheduled Urban Co-operative Banks
Regional Rural Banks
Financial Institutions
CRPC@rbi.org.in इस मेल ID पर मेल भेजकर भी अपनी समस्या दर्ज करा सकते हैं. बैंक के ग्राहकों की शिकायतों के निराकरण के लिए टोल फ्री नंबर 14448 है, इस पर कॉल करके भी ग्राहक शिकायत कर सकते हैं
धन्यवाद!