बाल संगोपन योजना महाराष्ट्र सरकार द्वारा कोरोना काल में बच्चो को आर्थिक सहाय्यता - Bal Sangopan Yojna - Maharashtra State 2021
महाराष्ट्र राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में कोरोना की मौत में अपने माता-पिता को खोने वाले प्रत्येक अनाथ को बाल संगोपन योजना - Bal Sangopan Yojna के तहत 5 लाख रुपये प्रदान करने का निर्णय लिया गया। राज्य में 162 बच्चे ऐसे हैं जिनके बच्चो ने अपने माता-पिता को खो दिया है। उनके खाते में सरकार 5 लाख रुपये Fixed Deposit और 2500 रुपये का भत्ता देने का वादा किया है ।
इसके अलावा, कोरोना के कारण माता-पिता किसी 1 को खो चुके 5000 बच्चों की दैनिक जरूरतों के लिए चाइल्ड केयर योजना याने बाल संगोपन योजना से प्रति माह 1125 रुपये प्रदान किए जाएंगे। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में हुई बैठक में कैबिनेट ने कोरोना काल में एक प्रस्ताव को मंजूरी दी जिसमे राशी 10 करोड़ रु.कोरोना सहाय्यता में इन बच्चो को दी जायेगी |
माता और पिता दोनो की कोरोना से मृत्यू - 5 लाख Fix Deposit और 2500 रुपये महिना भत्ता
संपर्क - बाल विकास संगोपन कमिटी - महिला एव बाल विकास विभाग {getButton} $text={Contact Us} $icon={info} $color={Hex Color}
महाराष्ट्र राज्य में बाल संगोपन योजना - Bal Sangopan Yojna 2008 से चल रही है। इस योजना के तहत बच्चों को 425 रुपये प्रति माह की आर्थिक सहायता भत्ता दिया जा रहा है । 0 से 18 वर्ष तक के सभी बच्चे इस योजना के लिये पात्र हैं | जिसमे
- माता-पिता जेल में
- एचआईवी पॉजिटिव, कैंसर जैसी पुरानी बीमारियों वाले माता-पिता
- पारिवारिक हिंसा में शामिल माताएं
- अनाथ या बच्चे जिनके माता-पिता का पता नहीं लगाया जा सकता है और जिन्हें गोद नहीं लिया जा सकता
- एक माता-पिता वाले बच्चे और एक पारिवारिक संकट में फसे बच्चे
- मौत
- तलाकशुदा
- पृथक्करण
- संन्यास
- अविवाहित मातृत्व
- माता-पिता के गंभीर बीमारी के कारण अस्पताल में रहना आदि।
- कुष्ठ रोग और आजीवन कारावास वाले एकल-माता-पिता परिवारों के बच्चे
- एचआईवी से संक्रमित बच्चे
- तीव्र मानसिक मंदता बहु विकलांगता
- जिन बच्चों के माता-पिता दोनों विकलांग हैं
- माता-पिता के बीच तीव्र वैवाहिक कलह
- बहु उपेक्षित
- अदालत या पुलिस शिकायत मामले में ऐसी असाधारण परिस्थितियों में बच्चे
- बाल श्रम विभाग द्वारा छुडाए बालकामगार (जारी और प्रमाणित) जो स्कूल नहीं जाते हैं
इस तरह के पिडीत बच्चो को लाभ मिलता है | इसी योजना को आगे बढाते हुये महाराष्ट्र सरकार ने करोना से प्रभावित बच्चो के लिये कुछ नयी बाते बाल संगोपन योजना - Bal Sangopan Yojna - Maharashtra State 2021 जोडी है आईये इसे जानते है .................................{alertInfo}
> How to to Download Digital 7/12, 8A ? डिजिटल सातबारा, 8अ कैसे डाउनलोड करें ?
> जन धन खाता ? करेगा करोना में आपकी मदत ... जनिये कैसे ?
क्या है बाल संगोपन योजना ?
महाराष्ट्र समेत हर राज्य में कोरोना के कारण अपने माता-पिता की छत्रछाया खोने वाले बच्चों की संख्या बढ़ रही है लेकिन राज्य सरकार इन बच्चों को अनाथ न बनने देने का फैसला ले रही है|
बाकी राज्यों ने भी ऐसी योजना लाने की कोशिश की है लेकिन महाराष्ट्र बाल संगोपन योजना लागू करने वाला पहला राज्य है।
- अनाथ के खाते में 5 लाख रुपये की सावधि (Fixed Deposit) जमा होगी
- यह जिला बाल कल्याण अधिकारी एवं लाभार्थी का संयुक्त खाता होगा
- लाभार्थी बच्चे को यह राशि 21 वर्ष के पुरे होने पर मिलेगी
योजना का प्रशासकीय GR देखने के लिये यहा क्लिक करे ---- {getButton} $text={GR copy} $icon={download} $color={Hex Color} {alertSuccess}
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किन बच्चों को होगा बाल संगोपन योजना फायदा?
- 18 वर्ष तक के बच्चे जिनके 1 मार्च, 2020 के बाद कोविड 19 के कारण माता-पिता दोनोंकि मृत्यू हुई है |
- माता-पिता में से किसी १ कि मृत्यू पहिले और दुसरे कि मृत्यू 1 मार्च, 2020 के बाद Covid 19 के कारण हुई हो |
- 1 मार्च, 2020 के बाद अनाथ बच्चे के एक माता या पिता कि कोविड 19 के कारण और दूसरे माता या पिता कि अन्य किसी कारणों मृत्यू हुई है |
योजना के लिए आवश्यक दस्तावेज?
- पात्र लाभार्थी महाराष्ट्र के निवासी होने चाहिए
- माता-पिता दोनों का मृत्यु प्रमाण पत्र
- पात्र लाभार्थी बच्चे का जन्म प्रमाण पत्र
- प्रमाण अगर लाभार्थी स्कूल जा रहा है
वर्तमान में कितने बच्चों की योजना है?
यह मानते हुए कि राज्य में माता-पिता दोनों को खो चुके अनाथों की संख्या 2 जून, 2021 तक बढ़कर 200 हो सकती है, महाराष्ट्र राज्य सरकार ने अब तक इस योजना में 200 बच्चों के लिए प्रावधान किया है। राज्य सरकार इससे ज्यादा के लिए भी प्रयास कर रही है जिससे अधिक से अधिक बच्चो को बाल संगोपन योजना का लाभ मिल सके |
> सिर्फ एक बार 150 रुपये भरो और हस्पताल में भरती होना पडे तो 1000 रु दिन का पाओ ? करोना Special ..
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बाल संगोपन योजना में मिलने वाले लाभ और प्रक्रिया ?
जिला बाल महिला एवं बाल विकास अधिकारी द्वारा बाल संगोपन योजना को लागू किया जाएगा |
जिले में अनाथों की जानकारी एकत्रित करने वाले हितग्राही बच्चों के दस्तावेजों का सत्यापन कर सूची तैयार करेंगे |
जिला कलेक्टर की अध्यक्षता में गठित स्पेशल टास्क फोर्स के समक्ष प्रस्ताव पेश किया जाएगा |
स्वीकृत हितग्राहियों एवं जिला महिला एवं बाल विकास अधिकारी के नाम 5 लाख रुपये की संयुक्त सावधि (Fixed Deposit) जमा की जायेगी
लाभार्थी बच्चे और जिला महिला एवं बाल विकास अधिकारी दोनों के पास योजना की एक प्रति होगी।जब लाभार्थी बच्चा 18 वर्ष की आयु तक पहुंच जाएगा, तो उन्हें यह राशि ब्याज के साथ मिल जाएगी।
यह सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी जिला महिला एवं बाल विकास अधिकारी की होगी कि रिश्तेदारों के पास बच्चों की कस्टडी हो।
उन्हें बाल श्रम, बाल विवाह, अनैतिक मानव तस्करी और अन्य आवश्यक उपायों से बचाया जाएगा ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि उनके वित्तीय और संपत्ति के अधिकार बरकरार रहें।
वे पारिवारिक माहौल में रहने की कोशिश करेंगे
जिनके पास परिवार का समर्थन नहीं है, उनका Kindar Gardan या Balgruh (बालगृह) में ध्यान रखा जाएगा |