Jeevan Pramaan Patra | Digital Life Certificate |
वरिष्ठ नागरिकों के लिए सेवानिवृत्ति के बाद पेंशन आय का एक महत्वपूर्ण स्रोत है। यह जीवन के इस पड़ाव में उन्हें आर्थिक रूप से सक्षम बनाकर उनकी ज़रूरतें पूरी करने में और आपातकालीन परिस्थितियों में सहायता करती है। पेंशनभोगियों को सेवानिवृत्ति के बाद बैंक जैसे अधिकृत पेंशन संवितरण एजेंसी में अपना जीवन प्रमाण-पत्र जमा कराना पड़ता है, जिसके बाद ही उन्हें पेंशन दी जाती है।
जीवन प्रमाण-पत्र प्राप्त करने के लिए पेंशनभोगी को अधिकृत पेंशन संवितरण एजेंसी में व्यक्तिगत रूप से उपस्थित रहना पड़ता है या फिर जिस कार्यालय में वह काम करते थे वहाँ के प्राधिकारी द्वारा जारी किया गया जीवन प्रमाण-पत्र संवितरण एजेंसी को उपलब्ध कराना पड़ता है। पेंशन प्राप्त करने के लिए संवितरण एजेंसी में व्यक्तिगत रूप से उपस्थित रहना और जीवन प्रमाण-पत्र प्राप्त करना ही पेंशनभोगियों के लिए सबसे बड़ी समस्या है। यह भी देखा गया है कि इसके कारण ऐसे पेंशनभोगियों को समस्या होती है जो वृद्ध और शारीरिक रूप से कमज़ोर हैं और जो जीवन प्रमाण-पत्र प्राप्त करने के लिए हर समय प्रमाणन प्राधिकारी के समक्ष व्यक्तिगत रूप से उपस्थित नहीं रह सकते। इसके साथ ही बहुत से सरकारी कर्मचारी सेवानिवृत्ति के बाद अपने परिवार के साथ रहने के लिए एवं कई अन्य कारणों से कहीं और रहने लगते हैं जिसके कारण पेंशन प्राप्त करने में उन्हें कई मुश्किलों का सामना करना पड़ता है।
जीवन प्रमाण के रूप जानी जाने वाली भारत सरकार की पेंशनभोगी डिजिटल जीवन प्रमाण-पत्र योजना का उद्देश्य जीवन प्रमाण-पत्र प्राप्त करने की पूरी प्रक्रिया को डिजिटल बनाकर इसे आसान बनाना है। इसका लक्ष्य जीवन प्रमाण-पत्र की पूरी प्रक्रिया को पेंशनभोगियों के लिए सुविधाजनक और आसान बनाना है। इस पहल के द्वारा अब पेंशनभोगियों को संवितरण एजेंसी और प्रमाणन प्राधिकारी के समक्ष व्यक्तिगत रूप से उपस्थित नहीं रहना होगा जो उनके लिए लाभदायक है एवं इस तरह उन्हें अनावश्यक बाधाओं का सामना भी नहीं करना पड़ेगा।
जीवन प्रमाण पेंशनभोगियों के लिए एक बायोमेट्रिक आधारित डिजिटल सेवा है। केंद्र सरकार, राज्य सरकार और अन्य सरकारी संस्थाओं के पेंशनभोगी इस सेवा का लाभ उठा सकते हैं।
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कार्यप्रणाली -
जीवन प्रमाण योजना के अंतर्गत पेंशनभोगियों से संबंधित जांच प्रक्रिया को सुलभ बनाने का प्रयास किया गया है जिससे उन्हें पेंशन प्राप्त करने के लिए सरकारी कार्यालयों के चक्कर न काटने पड़ें। इसका उद्देश्य सेवानिवृत्त सरकारी कर्मचारियों के लिए इस समुचित प्रक्रिया को आसान बनाना है। इसमें पेंशनभोगियों के बायोमेट्रिक प्रमाणीकरण के लिए आधार नंबर का प्रयोग किया जाता है। सफल प्रमाणीकरण के बाद एक डिजिटल जीवन प्रमाण-पत्र बनाया जाता है जिसे जीवन प्रमाण-पत्र कोष में संग्रहित किया जाता है। पेंशन संवितरण एजेंसियां प्रमाण-पत्र ऑनलाइन देख सकती हैं।
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आधार प्रमाणीकरण
आधार प्रमाणीकरण आसान होने के साथ-साथ सुरक्षित भी है। इसके अंतर्गत दस्तावेजों के प्रमाणीकरण हेतु पेंशनभोगियों को व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने की ज़रूरत नहीं है।
आप अपनी बायोमेट्रिक अर्थात उंगलियों के निशान या आँख की पुतली का प्रमाण देकर अपना प्रमाणीकरण करा सकते हैं। जीवन प्रमाण ऑनलाइन बायोमेट्रिक प्रमाणीकरण के लिए आधार संख्या का प्रयोग करता है। सत्यता की जाँच सफलतापूर्वक हो जाने के बाद आप डिजिटल जीवन प्रमाण-पत्र प्राप्त कर इसका प्रयोग कर सकते हैं।
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अपना नामांकन कराएँ
आप कंप्यूटर और मोबाइल पर उपलब्ध एप्लीकेशन के माध्यम से या नजदीकी जीवन प्रमाण केंद्र पर जाकर अपना पंजीकरण करवा सकते हैं। इसके लिए आपको आधार संख्या, पेंशन भुगतान आदेश संख्या, बैंक खाता संख्या, बैंक का नाम एवं मोबाइल नंबर की जानकारी देनी होगी।
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अपना प्रमाण-पत्र प्राप्त करें
आप जीवन प्रमाण वेबसाइट पर जीवन प्रमाण आईडी या आधार संख्या की जानकारी प्रदान कर अपना प्रमाण-पत्र पीडीएफ़ प्रारूप में डाउनलोड कर सकते हैं।
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जीवन प्रमाण-पत्र
सत्यता की जाँच करने के बाद आपके मोबाइल नंबर पर आपको एक एसएमएस प्राप्त होगा जिसमें आपकी जीवन प्रमाण-पत्र पहचान संख्या दी गई होगी। इस प्रमाण-पत्र को जीवन प्रमाण-पत्र कोष में रख दिया जाता है ताकि पेंशनभोगी एवं पेंशन संवितरण एजेंसी कहीं भी एवं किसी भी समय इसे देख सकते हैं।
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पेंशन संवितरण एजेंसी
पेंशन संवितरण एजेंसी जीवन प्रमाण वेबसाइट पर जीवन प्रमाण-पत्र देख सकते हैं एवं पेंशनभोगियों के विवरण सत्यापित करने के लिए इसे डाउनलोड कर सकते हैं। इससे पेंशन प्रक्रिया में कम समय लगता है एवं पेंशनभोगियों को समय पर पेंशन प्राप्त हो जाती है।